रविवार, 15 जनवरी 2017

मैंने बहुत दिनों से कोई लम्बी पोस्ट नही लिखी ...  व्यस्तता इतनी रही कि उन वन लाइनर्स को लिखने के बाद  ही लगता था कि कहीं मैंने वक़्त तो ज़ाया नहीँ कर दिया...  इतवार का दिन मैं घूमने फिरने और आराम करने के लिए बचा कर रखती हूँ।  हफ्ते भर के काम शनिवार को ही निपटा कर इत्मिनान से अपने मनपसंद गाने सुनती हूँ .. दोस्तों से गप्पे लड़ाती हूँ.... और घूमने जाती हूँ....  आज घर में मेहमान थे तो कहीं भी जाना नही हो पाया  ....दिन यूँही निकल गया.... और शाम हो गई ... फिर लगा कि ये भी क्या इतवार था, आया और चला गया...ये अलग बात है कि दिन भर दोस्तों के फोन आते रहे... मेरे साथ अक्सर ये होता है... जब एक दम फालतू और अकेली होती हूँ तो सारे दोस्त और कजन व्यस्त हो जाते हैं और जिस दिन व्यस्त रहूँ तो एक के बाद एक वो सब फोन किये जाते हैं....  

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