शनिवार, 4 जनवरी 2014

नेटवर्किंग कम्पनियों ने आजकल जो हमारे चारों तरफ जाल बिछाया हुआ है उसके उदहारण हमें आये  दिन देखने को मिल जाते हैं । यूँ तो आजकल कोई भी बिना मतलब के आपसे बात करेगा नहीं और अगर करेगा तो सावधान हो जाइयेगा ,या तो वो किसी मल्टीनेशनल कंपनी के महंगे उत्पाद आपको बेचना चाहता है या फिर किसी बैंक में सेल्स एड्वाइजर होगा । पहले तो आप उस व्यक्ति के मधुर व्यवहार के कायल हो जायेंगे लेकिन बाद में जब आप को पता चलेगा कि ये उसकी मार्केटिंग का हिस्सा है तो आप उससे पीछा छुड़ाने के बहाने ढूंढते फिरेंगे। मेरे साथ भी हाल ही में ऐसे कई वाक़ये हुए। जिनमें से एक तब का है जब मैं चंडीगढ़ में रहा करती थी , एक दिन सुबह जब मैं अपने बच्चों की  स्कूल बस के लिए इंतज़ार कर रही थी तो एक सुन्दर और सभ्रांत सी दिखने वाली महिला मुझे देख कर मुस्कराई , आमतौर पर मैं अजनबी लोगो से थोड़ा रिजर्व रहने की  कोशिश करती हूँ लेकिन चूंकि वह महिला मुझे भले घर कि लग रही थीं और मेरी ही उम्र की  थी तो जवाब में मैं भीं मुस्कुरा दी।  फिर अचानक ही एक दिन शाम के वक़्त वो अपने पति को लेकर मेरे घर आईं।  पता चला कि जिस तरह उनकी और मेरी मुलाकात हुई थी उसी तरह मेरे और उनके पति भी मिल चुके हैं ,उनका इस तरह का बेतकल्लुफ़ व्यहवहार पहले तो मुझे अजीब लगा लेकिन जब मुझे पता चला कि वे लोग भी यूपी  के हैं तो मुझे बहुत ख़ुशी हुई कि चलो अनजाने शहर में कोई तो अपना मिला । मैं मन ही मन खुश हो रही थी कि ऐसा नहीं है कि दुनिया में सभी लोग मतलब से दोस्ती करते हैं, अगर आप अच्छे हैं तो आप को भी आपके जैसा कोई न कोई मिल ही जायेगा। थोड़ी देर बातचीत करने के बाद वो पूछने लगीं कि मेरा बेटा इतना कमजोर क्यों है? फिर उन्होंने कुछ एनर्जी ड्रिंक्स के बारे में बताया जिन्हें पिलाने से बच्चों का वजन बढ़ जाता है।  मैंने आदत के अनुसार उनकी हाँ में हाँ मिला दी । फिर पता चला कि वे एक मल्टीनेशनल कम्पनी के लिए काम करती हैं। अब मेरी समझ में आ गया कि उनका हमसे बात करना, घुलना मिलना कुछ और नहीं बल्कि नेट्वर्किंग था। जी हाँ घर बैठे आसानी से पार्ट टाइम काम करके पैसा कमाने का नया तरीका । और फिर तो वो जैसे हमारे पीछे ही पड़  गई। आये दिन वो हमें अपने उत्पादों के फायदे बतातीं  और उन्हें खरीदने के लिए हमें समझाया करतीं ।और में उनसे पीछे छुड़ाने के बहाने सोचा करती।
यहाँ आगरा मेंभीमुझे दो तीन लोग ऐसे मिले जो पहली मुलक़ात में ही बहुत घुल मिल गए , उनसे मिल कर भी मुझे यही लगा कि वास्तव में दुनिया में सच्ची मित्रता अभी भी कायम है,लेकिन बाद में वे भी इन्हीं नेटवर्किंग कम्पनियों का हिस्सा निकले।